बिलासपुर के 93 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी ने दिल्ली में हुए अपमान आहत, छोड़ दिया खाना-पीना

हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के स्वतंत्रता सेनानी 93 वर्षीय डंडू राम के साथ दिल्ली में सम्मान के नाम पर धोखा हुआ है जिसे वह अपना बहुत बड़ा अपमान मान रहे हैं, और इसी के चलते उन्होंने से खाना-पीना छोड़ दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उन्हें सम्मानित न होने का दुःख नहीं है बल्कि अपमानित किए जाने बेहद दुःख है। इसी कारण उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले की जांच नहीं हो जाती वह अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे।
राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने सूची में नाम न होने का हवाला देकर सम्मान समारोह में शामिल होने से भी कर दिया मना
मिली जानकारी के अनुसार,डंडू राम ने आरोप लगाया है कि 9 अगस्त को राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित करने के नाम पर उन्हें जिला प्रशासन से निमंत्रण पत्र मिला था। इस बात से खुश होकर जब वे दिल्ली पहुंचे तो वहां राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने कहा कि सूची में उनका नाम नहीं है, इसी कारण उनको सम्मान समारोह में शामिल होने से भी मना कर दिया। उनकी बेटी मीरा देवी का कहना है कि इस घटना से उनके पिता बहुत आहत हुए हैं। जिस कारण उन्होंने दिल्ली से घर आने तक के लिए मना कर दिया था।
आजादी की लड़ाई के दौरान डंडू राम ने बारह वर्ष का देश निकाला और छह माह कारावास की भी झेली सजा
बिलासपुर के इस स्वतंत्रता सेनानी डंडू राम ने बताया कि आजादी की लड़ाई के समयकाल के दौरान उन्होंने ने बाल्यकाल में ही उस समय के कहलूर राजा आनंद चंद ने उन्हें बारह वर्ष का देश निकाला दे दिया था। उसी दौरान उन्होंने छह माह कारावास की सजा भी झेली थी। बारह साल तक वह घर नहीं आ सके थे।
उत्कृष्ट सेवाओं के प्रति भारतीय सेना व भारत सरकार ने भी उन्हें कई बार मेडल देकर किया सम्मानित
इसके साथ ही देश आजाद होने के बाद ही वर्ष 1948 में वह भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हो गए थे। अपनी नौकरी के बीच साल 1962 में चीन, वर्ष 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्धों में भी उन्होंने हिस्सा लिया है।इस सब उत्कृष्ट सेवाओं के प्रति भारतीय सेना व भारत सरकार ने भी उन्हें कई बार मेडल देकर सम्मानित किया है। और अब जिंदगी के इस पड़ाव मतलब 93 वर्ष की आयु में हुए अपमान को वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।